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भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस)

भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) 1 अप्रैल, 2003 से शुरू की गई। इस योजना का उद्देश्य पूरे देश में फैले ईसीएचएस पॉलीक्लीनिकों, सेना चिकित्सा सुविधाओं, सरकारी अस्पतालों, पैनल में शामिल निजी अस्पतालों/ विशेष सरकारी आयुष अस्पतालों के नेटवर्क के माध्यम से भूतपूर्व सैनिक पेंशनरों और उनके आश्रितों को एलोपैथिक और आयुष चिकित्सा उपलब्ध कराना है। इस योजना का ढांचा मरीजों के लिए कैशलेस लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए सीजीएचएस की तर्ज पर बनाया गया है और यह योजना भारत सरकार द्वारा वित्त-पोषित है।

सितंबर, 2004 में इसके सृजन के पश्चात भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना से संबंधित मामलों को भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग को आबंटित कर दिया गया है। बाद में दिनांक 29 जनवरी, 2009 की अधिसूचना द्वारा ईसीएचएस को भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग के एक संबद्ध कार्यालय के तौर पर नामित किया गया है। ईसीएचएस केन्द्रीय संगठन का प्रधान एक प्रबंध निदेशक, सेवारत मेजर जनरल होता है।

इस योजना का प्रबंधन सैन्य बलों की मौजूदा अवसंरचना के माध्यम से किया जाता है ताकि प्रशासनिक व्यय को कम किया जा सके। मौजूदा अवसंरचना में कमांड और नियंत्रण अवसंरचना, सेना चिकित्सा सुविधाएं (अस्पताल और चिकित्सा जांच कक्ष), चिकित्सा और गैर-चिकित्सा उपकरणों के लिए प्राप्ति संगठन, रक्षा भूमि और भवन इत्यादि शामिल हैं। वरिष्ठ कार्यकारी चिकित्सा अधिकारियों (एसईएमओ) की सहायता से स्टेशन कमांडर ईसीएचएस पॉलीक्लीनिकों पर सीधा नियंत्रण रखता है।

सरकार द्वारा स्वीकृत 28 क्षेत्रीय केन्द्रों में 427 पॉलीक्लीनिक हैं। ईसीएचएस पॉलीक्लीनिकों को ‘बाह्यरोगी देखरेख’ करने का काम सौंपा गया है जिसमें परामर्श, आवश्यक जांच और दवाइयां उपलब्ध कराना शामिल है। सेना अस्पतालों/ सरकारी अस्पतालों/ ईसीएचएस के पैनल में शामिल निजी अस्पतालों में उपलब्ध अतिरिक्त क्षमता के जरिए विशेष परामर्श, जांच और ‘अंत:रोगी देखरेख’ (अस्पताल में रखना) मुहैया कराई जाती है।

टिप्पणीः कृपया अधिक विवरण के लिए ईसीएचएस वेबसाइट www.echs.gov.in का अवलोकन करें